न्यूज़ फ्लिक्स भारत। स्विट्जरलैंड ने भारत से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया है. स्विट्जरलैंड ने अपने इस फैसले पर नेस्ले से जुड़े एक मामले में भारत के सुप्रीम कोर्ट के साल 2023 में दिए गए फैसले का हवाला दिया है. स्विट्जरलैंड के वित्त विभाग ने अपने बयान में कहा कि यह निर्णय भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले के परिणामस्वरूप लिया गया है. इस फैसले में कहा गया था कि यदि कोई देश OECD में शामिल होने से पहले भारत के साथ कर संधि पर हस्ताक्षर करता है तो MFN खंड लागू नहीं होता.
भारत के एमएफएन दर्जे के रद्द होने से भारतीय कंपनियों को अब स्विट्जरलैंड में ज्यादा टैक्स भरना होगा. इस बदलाव से विशेष रूप से वित्तीय सेवाओं, फार्मास्यूटिकल्स और आईटी जैसे क्षेत्रों में कार्यरत भारतीय कंपनियों को कर संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. स्विट्जरलैंड के इस निर्णय ने भारत को अंतरराष्ट्रीय कराधान संधियों के प्रति अधिक सुसंगत और रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
बता दें कि भारत और स्विट्जरलैंड के बीच द्विपक्षीय टैक्स बचाव समझौता 2 नवंबर 1994 को हुआ था. जिसे 2000 और 2010 में संशोधित किया गया. बता दें कि स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. 2023-24 में, भारत का स्विट्जरलैंड से 21.24 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात और 1.52 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात रहा जिससे 19.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार घाटा हुआ. एमएफएन का दर्ज रद्द होने के बाद अब स्विट्जरलैंड द्वारा भारतीय कंपनियों पर वहां होने वाले लाभ पर 1 जनवरी 2025 से 10 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाएगा.