सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को कड़े निर्देश दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि आरोपियों को नोटिस भेजने के लिए वॉट्सऐप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने यह आदेश दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 41ए के संदर्भ में दिया है। जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने संबंधित पुलिस विभागों को निर्देश दिया कि वे केवल CrPC या BNSS के तहत सेवा के निर्धारित तरीके से ही नोटिस जारी करें।
यह आदेश सतेंद्र कुमार अंतिल बनाम सीबीआई मामले में पारित किया गया, जिसमें न्यायालय ने अनावश्यक गिरफ्तारियों को रोकने और विचाराधीन कैदियों को जमानत देने के उपायों पर चर्चा की थी। कोर्ट समय-समय पर इस मामले में राज्यों और उच्च न्यायालयों द्वारा निर्देशों के अनुपालन की निगरानी भी करता रहा है।
इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने पुलिस द्वारा धारा 41A के तहत नोटिस भेजने के लिए व्हाट्सएप के उपयोग पर सवाल उठाया था। उन्होंने हरियाणा के डीजीपी कार्यालय द्वारा 26 जनवरी 2024 को जारी किए गए स्थायी आदेश का जिक्र किया, जिसमें पुलिस अधिकारियों को सीआरपीसी की धारा 41A/बीएनएसएस 2023 की धारा 35 के तहत व्यक्तिगत रूप से या फिर व्हाट्सएप, ईमेल, एसएमएस या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नोटिस भेजने की अनुमति दी गई थी।
