सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में SIR (सर्वे ऑफ इंडियन रजिस्ट्री) के दौरान BLOs की बढ़ती मौतों और उनके कार्यभार पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि BLOs के काम के घंटे कम किए जाएं और राज्य सरकारें इस दिशा में जिम्मेदारी निभाएं। सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि BLOs राज्य सरकार के कर्मचारी हैं, इसलिए अगर कोई बीमार या असमर्थ हो, तो राज्य वैकल्पिक कर्मचारी तैनात कर सकते हैं। इससे यह तय होगा कि मौजूदा कर्मचारियों पर बोझ और कार्य घंटे संतुलित रहें।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रत्येक राज्य में आवश्यकतानुसार कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। उदाहरण के लिए, जहां 10,000 BLOs हैं, वहां 20,000 या 30,000 कर्मचारी तैनात किए जा सकते हैं। यदि किसी कर्मचारी के पास ड्यूटी से छूट का वैध कारण है, तो अधिकारी केस-बाय-केस आधार पर निर्णय ले सकते हैं।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय राज्य सरकारों पर अतिरिक्त बोझ डालने के लिए नहीं है, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा और कार्य क्षमता सुनिश्चित करने के लिए है। वहीं, याचिकाकर्ता द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को सुप्रीम कोर्ट ने “बेबुनियाद” करार दिया और उन्हें खारिज कर दिया। BLOs की सुरक्षा और उनकी जिम्मेदारियों के संतुलन पर कोर्ट का यह निर्देश महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


