अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में आतंकवाद का समर्थन बर्दाश्त नहीं: उपराज्यपाल

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में आतंकवाद के दुष्प्रचार को वैधता देने की कोशिश करने वालों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे तत्वों के खिलाफ प्रशासन कानूनी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।

यह बयान उन्होंने बारामूला जिले में आयोजित एक समारोह के दौरान दिया, जहाँ आतंकवाद के कारण जान गंवाने वाले 40 नागरिकों के परिजनों को सरकारी नियुक्ति पत्र सौंपे गए। उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा, “भारत का संविधान नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन इसका उपयोग देश की अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ नहीं किया जा सकता।” उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसी भाषा बोल रहे हैं जो टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) और लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की रणनीतियों को बल देती है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा, “यह अभिव्यक्ति की आज़ादी नहीं बल्कि राष्ट्र के साथ विश्वासघात है। ऐसे कृत्य करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।” हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन संकेत दिया कि कुछ विशिष्ट लोग पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को वैचारिक समर्थन देने की कोशिश कर रहे हैं, जो न केवल समाज को भ्रमित करता है, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए खतरा भी है। उपराज्यपाल ने कहा कि प्रशासन आतंकवाद के सभी रूपों और उसके समर्थन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है।

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