एस्ट्रोनॉट और भारत की बेटी सुनीता विलियम्स आखिरकार अंतरिक्ष में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन 9 महीने तक फंसे रहने के बाद धरती पर लौट आई हैं. सुनीता विलियम्स के साथ नासा के दूसरे एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर भी पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से लैंड कर गए. दोनों एस्ट्रोनॉट्स ने भारतीय समयानुसार, बुधवार की सुबह 3:30 बजे फ्लोरिडा के समंदर में लैंड किया.
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले 9 महीने से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसे हुए थे, लेकिन नासा और स्पेसएक्स की संयुक्त कोशिश आखिरकार रंग लाई और दोनों अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौट आए. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धरती के लिए रवाना होने के 17 घंटे बाद एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का कैप्सूल फ्लोरिडा की तलहासी तट के पास समंदर में लैंड हुआ. इसके करीब एक घंटे के बाद एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर कैप्सूल में से बाहर आए और कैमरे के सामने हाथ हिलाते और मुस्कुराते हुए दिखाई दिए.
सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने भी खुशी जाहिर की और सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा कि यह दृढ़ता की ऐतिहासिक जीत है, जिसने साबित किया कि दृढ़ संकल्प और साहस से मुश्किल हालात में भी उपलब्धि हासिल की जा सकती है। राज्यपाल ने लिखा कि दोनों ने अपने दृढ़ संकल्प और जुझारूपन से हर चुनौती पर जीत हासिल की।
नासा के अंतरिक्षयात्रियों बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स को लेकर वापस धरती पर लौटे स्पेसएक्स के अंतरिक्षयान ड्रैगन को 17 घंटे लगे। गौरतलब है कि रूस के सोयूज अंतरिक्षयान को अंतरिक्ष से वापस लौटने में महज साढ़े तीन घंटे का ही वक्त लगता है। ऐसे में सवाल उठता है कि ड्रैगन को इतना समय क्यों लगा? दरअसल मिशन की सुरक्षा के लिहाज से इतना समय लिया गया। साथ ही धरती पर मौसम का भी विश्लेषण किया गया, उसके बाद ही ड्रैगन समुद्र में उतरा।
