भारत के सिडनी टेस्ट और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने टीम मैनेजमेंट और कप्तान रोहित शर्मा पर कड़ी नाराजगी जताई। गावस्कर ने किसी का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा कि पूर्व क्रिकेटरों को तो कुछ नहीं आता, इसलिए वे क्या सलाह देंगे। यह टिप्पणी रोहित शर्मा के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने पूर्व क्रिकेटरों और पत्रकारों पर सवाल खड़े किए थे।
गावस्कर बोले – “हमको कुछ नहीं आता”
सिडनी टेस्ट खत्म होने के बाद सुनील गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत के दौरान रोहित शर्मा को आड़े हाथों लिया। उनसे सवाल पूछा गया कि “क्या भारत को दौरे से पहले अभ्यास मैच खेलकर बेहतर तैयारी करनी चाहिए?” इस पर गावस्कर ने तीखे लहजे में जवाब दिया, “अरे, हमको कुछ नहीं आता। हमें क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता। हम तो सिर्फ टीवी पर बोलने के लिए हैं। हमारी बात मत सुनिए। हमारी बातें सिर के ऊपर से जाने दीजिए।”
रोहित के बयान से भड़के गावस्कर
सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन रोहित शर्मा ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान पूर्व क्रिकेटरों और पत्रकारों पर निशाना साधा था। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा था, “जो लोग माइक, लैपटॉप या पेन लेकर अंदर बैठे हैं, वे तय नहीं करेंगे कि हमें क्या करना है। हमें पता है कि सही क्या है और गलत क्या। मैं दो बच्चों का बाप हूं, तो मेरे पास इतना दिमाग है कि मुझे लाइफ में क्या चाहिए।”
रोहित की खराब फॉर्म पर सवाल
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित शर्मा ने अपनी कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों से निराश किया। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में उन्होंने तीन मैच खेले और सिर्फ 31 रन बनाए। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 10 रन रहा। सिडनी टेस्ट में उन्होंने खुद को टीम से बाहर रखने का फैसला किया। इस पर रोहित ने कहा था, “टीम को प्राथमिकता देना जरूरी था। क्योंकि मेरे बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे, मैंने चयनकर्ताओं और कोच से कहा कि मुझे इस मैच से हटा दिया जाए।”
निष्कर्ष
गावस्कर और रोहित के बयानों ने क्रिकेट जगत में एक नई बहस को जन्म दिया है। सीनियर खिलाड़ियों की सलाह और अनुभव पर सवाल खड़ा करना जहां टीम की तैयारियों पर असर डाल सकता है, वहीं रोहित की खराब फॉर्म और नेतृत्व ने भी आलोचना को आमंत्रित किया है।