ओडिशा के पुरी में गुंडिचा मंदिर के पास रथयात्रा के दौरान हुई भगदड़ की घटना ने श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी मचा दी। इस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की है।मुख्यमंत्री माझी ने कहा, “पुरी मंदिर में हुई भगदड़ के लिए मैं भगवान श्रीजगन्नाथ के सभी भक्तों से क्षमा मांगता हूं। इस घटना में घायल हुए श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं और मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। सरकार इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि घटना की गहन जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का हमला
वहीं दूसरी ओर, बीजद प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस घटना को लेकर वर्तमान सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह हादसा राज्य सरकार की भीड़ प्रबंधन और प्रशासनिक तैयारियों की विफलता को उजागर करता है।
“पुरी रथयात्रा जैसे भव्य आयोजन में हुई यह त्रासदी बेहद दुखद है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। लेकिन यह स्पष्ट है कि सरकार पूरी तरह असफल रही है। यह चौंकाने वाली लापरवाही है,” पटनायक ने कहा।
क्या कहती है यह घटना?
पुरी की रथयात्रा हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, ऐसे में यह हादसा भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े करता है। प्रशासनिक तैयारी की कमी और समुचित मार्गदर्शन के अभाव ने इस हादसे को और गंभीर बना दिया। राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं, परंतु राजनीतिक घमासान के बीच यह देखना अहम होगा कि इस त्रासदी से सबक लेकर भविष्य के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
