मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में मची भगदड़, 17 लोगों की मौत

महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के मौनी अमावस्या के अवसर पर बड़ा हादसा पेश आया है। यहां पर अमृत स्नान को बेताब श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी थी कि चलना दुभर हो गया. लोगों की सांसें फुलने लगीं. महिलाएं एक-दूसरे पर गिरने लगीं. देखते ही देखते अफरा-तफरा मच गई. बैरिकेडिंग टूट गई. इसकी वजह से अचानक भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में कई लोग घायल हो गए. इस भगदड़ में अभी तक 17 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल भी हुए है। हालांकि, अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है. खुद सीएम योगी ने इस घटना पर लेटेस्ट अपडेट दिया है. सीएम योगी के मुताबिक, प्रयागराज में अभी 8 से 9 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं.

सीएम योगी ने साफ कर दिया कि संगम तट पर पहुंचने की होड़ की वजह से ही यह भगदड़ मची. अब सवाल है कि आखिर वह जगह कौन सी है, जहां अमृत स्नान करने को सभी बेताब दिखे. आखिर उस जगह का क्या महत्व है, जहां सभी श्रद्धालु डुबकी लगाना चाहते हैं. दरअसल, महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का अधिक महत्व होता है. इस दिन स्नान करने को देशभर के श्रद्धालु बेताब होते हैं. माना जा रहा है कि आज 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना है.

मौनी अमावस्या के पावन स्नान पर्व पर प्रयागराज सनातनियों का महासागर बन चुका है। संगम में पवित्र डुबकी की आस लिये महाकुम्भ नगर पहुंचे श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रमुख संतों ने अपील जारी की है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि श्रद्धालुगण मां गंगा के जिस भी घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। स्नानार्थियों के लिए कई घाट बनाए गये हैं, जहां सुविधाजनक रूप से स्नान किया जा सकता है। उन्होंने सभी से मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। सीएम योगी ने सभी से अपील की है कि वह किसी भाी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान न दें। 

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