इसरो अपने SpaDeX मिशन के साथ इतिहास रचने जा रहा है. इसरो ने कहा कि दोनों उपग्रहों को पहले 15 मीटर और फिर 3 मीटर तक पहुंचने का परीक्षण प्रयास किया गया. दोनों उपग्रह, SDX01 (चेसर) और SDX02 (टार्गेट) पर नजर बनी हुई है. इससे पहले, 10 जनवरी को इसरो की ओर से जानकारी दी गई थी कि दोनों उपग्रहों के बीच की दूरी 230 मीटर है.
यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, क्योंकि इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में डॉकिंग टेक्निक का सफलतापूर्वक प्रदर्शन करना है. ISRO ने बताया कि फिलहाल डॉकिंग की प्रक्रिया रोक दी गई है. अब डेटा विश्लेषण के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा.
SpaDeX मिशन में दो सैटेलाइट हैं. पहला चेसर और दूसरा टारगेट. चेसर सैटेलाइट टारगेट को पकड़ेगा और उससे डॉकिंग करेगा. इसके अलावा इसमें एक महत्वपूर्ण टेस्ट और हो सकता है. सैटेलाइट से एक रोबोटिक आर्म निकले हैं, जो हुक के जरिए यानी टेथर्ड तरीके से टारगेट को अपनी ओर खींचेगा. ये टारगेट अलग क्यूबसैट हो सकता है.
इस प्रयोग से फ्यूचर में इसरो को ऑर्बिट छोड़ अलग दिशा में जा रहे सैटेलाइट को वापस कक्षा में लाने की तकनीक मिल जाएगी. साथ ही ऑर्बिट में सर्विसिंग और रीफ्यूलिंग का ऑप्शन भी खुल जाएगा. Spadex मिशन में दो अलग-अलग स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में जोड़कर दिखाया जाएगा.
