उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया एक बार फिर लंबी होने की आशंका जताई जा रही है। बीएलओ द्वारा दी गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि लगभग 17.7% यानी पौने तीन करोड़ गणना फॉर्म अब तक वापस नहीं आ सके हैं। प्रदेश में कुल 15.44 करोड़ से अधिक मतदाता हैं और अब तक 80% गणना फॉर्म ही जमा हो पाए हैं। शेष बड़े हिस्से के अधूरे रहने पर यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर ने चुनाव आयोग से एक सप्ताह का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध करने का निर्णय लिया है।
वर्तमान में गणना प्रपत्र भरने और जमा करने की अंतिम तिथि 11 दिसंबर है, लेकिन स्थिति को देखते हुए इसे बढ़ाया जाना लगभग तय माना जा रहा है।
इस बीच गाजियाबाद में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने SIR को “लोकतंत्र के लिए बूस्टर डोज” बताया। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनके नाम मतदाता सूची से हटवाएं और आवश्यक कानूनी कार्रवाई करवाएं।
वहीं, यदि किसी मतदाता का नाम ड्राफ्ट लिस्ट में न मिले, तो कोई दंड नहीं हैं, लेकिन वेरिफिकेशन के नोटिस पर पहचान पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।


