शिमला: प्राथमिक शिक्षकों का धरना, 26 अप्रैल को 10 हजार शिक्षक करेंगे प्रदर्शन

राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा एक अलग निदेशालय के गठन के खिलाफ लगातार विरोध जताया जा रहा है। इसी कड़ी में 26 अप्रैल को शिमला के चौड़ा मैदान में विशाल सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें प्रदेशभर से लगभग 10 हजार प्राथमिक शिक्षकों के शामिल होने की संभावना है। संघ का कहना है कि यदि इस प्रदर्शन के बाद भी विभाग ने उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस लिखित आश्वासन नहीं दिया, तो 26 अप्रैल से ही क्रमिक अनशन शुरू कर दिया जाएगा।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने शिमला में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव कर रही है, जिसे संघ समर्थन भी करता है। लेकिन अलग निदेशालय के गठन का फैसला नुकसानदायक होगा, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्णय केवल प्रशासनिक पदों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से लिया जा रहा है, जबकि इसका शिक्षा के सुधार से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने यह भी बताया कि 6 फरवरी को शिक्षा सचिव के साथ इस मुद्दे पर एक बैठक हुई थी, जिसमें संघ को आश्वासन दिया गया था, परंतु उसके बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया। इससे शिक्षकों में गहरी निराशा व्याप्त है।

प्रदेशाध्यक्ष ने यह भी कहा कि निदेशालय के पुनर्गठन के बाद जो समिति गठित की गई है, उसमें राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ और अन्य संबद्ध पक्षों को शामिल नहीं किया गया। यह समिति केवल औपचारिकता बनकर रह गई है और शिक्षा प्रणाली को मनमर्जी से प्रभावित कर रही है, जिसके गंभीर परिणाम होंगे।

संघ ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया जाता, तब तक 26 अप्रैल से समस्त शैक्षिक कार्यों को छोड़ केवल ऑनलाइन कार्य किया जाएगा और अन्य गैर शैक्षिक गतिविधियों का बहिष्कार जारी रहेगा। इस पूरे आंदोलन की जिम्मेदारी संघ ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग पर डाली है।

बता दें कि राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ को शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई है। इसके साथ ही शिमला में प्रेस वार्ता के दौरान संघ के प्रदेशाध्यक्ष और महासचिव को शिक्षा सचिव की ओर से नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में 16 अप्रैल को जारी किए गए संघ के नोटिस को तत्काल प्रभाव से वापस लेने और किसी भी प्रकार के विरोध या आंदोलन में भाग न लेने का आदेश दिया गया है। अन्यथा, विरोध करने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभाग द्वारा अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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