सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार, 24 फरवरी, को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 771.21 अंक गिरकर 74,539.85 के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी 223.40 अंकों की गिरावट के साथ 22,572.50 पर आ गया है। एनएसई के सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी आईटी सबसे ज्यादा 2.50% टूटा, वहीं मेटल, ऑयल एंड गैस और बैंकिंग सेक्टर में 1.5% की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, फार्मा इंडेक्स 0.20% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है।
बाजार में गिरावट के मुख्य कारण
1️⃣ अमेरिकी बाजार की कमजोरी:
अमेरिका में कारोबारी गतिविधियां 17 महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं, जिससे आर्थिक अनिश्चितताओं को लेकर निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। इसके चलते शुक्रवार को अमेरिकी बाजार में भी गिरावट दर्ज की गई थी, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल रहा है।
2️⃣ ट्रंप के टैरिफ बयान से अस्थिरता:
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन सहित अन्य देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उन्होंने कहा, “हम उतना ही टैरिफ लगाएंगे, जितना वे हमसे वसूलेंगे।” इस बयान ने बाजार में अनिश्चितता बढ़ा दी है।
3️⃣ विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली:
शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 3,449.15 करोड़ रुपए के शेयर्स बेचे। फरवरी महीने में अब तक FII ने 23,710 करोड़ रुपए से अधिक की बिकवाली की है, जिससे साल 2025 में कुल 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की निकासी हो चुकी है।
वैश्विक बाजारों में भी गिरावट
- कोरिया का कोस्पी: 0.62% नीचे
- हांगकांग का हैंग सेंग: 0.54% की गिरावट
- चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स: 0.11% की गिरावट
21 फरवरी को
- डाउ जोंस: 1.69% गिरकर 43,428 पर बंद
- S&P 500: 1.71% की गिरावट
- नैस्डैक: 2.20% गिरकर 19,524 पर बंद
पिछले हफ्ते भी बाजार में गिरावट
21 फरवरी को सेंसेक्स 424 अंकों की गिरावट के साथ 75,311 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 117 अंक गिरकर 22,795 पर क्लोज हुआ।
- सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 में गिरावट, जबकि 8 में तेजी दर्ज की गई।
- निफ्टी के 50 में से 37 शेयर गिरे, जबकि 13 में तेजी आई।
- ऑटो सेक्टर में 2.58% की सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई।
निवेशकों के लिए सतर्क रहने की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। निवेशकों को लॉन्ग-टर्म निवेश रणनीति पर ध्यान देने और किसी भी जल्दबाजी में फैसला न लेने की सलाह दी जा रही है।