अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के चार साल बाद रूस पहला देश बन गया है जिसने तालिबान सरकार को मान्यता दी है. साथ ही, रूस ने तालिबान को अपनी प्रतिबंधित संगठनों की सूची से हटा दिया है. रूस के इस फैसले का स्वागत करते हुए अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कहा, “हम रूस द्वारा उठाए गए इस साहसी कदम की सराहना करते हैं और ईश्वर की इच्छा से, यह दूसरों के लिए भी एक नजीर बनेगा.”
रूस के अफगानिस्तान में राजदूत दिमित्री झिरनोव ने राज्य चैनल वन टेलीविजन पर कहा कि तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता देने में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की अहम भूमिका रही है. लावरोव की सलाह पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान की सरकार को मान्यता दी है. रूसी अधिकारियों ने हाल ही में अफगानिस्तान को स्थिर करने में मदद के लिए तालिबान के साथ जुड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया है और अप्रैल में तालिबान पर प्रतिबंध हटा दिया.
वहीं, पाकिस्तान के अधिकारियों ने एक पाकिस्तनी अखबार को दिए बयान में कहा, “हम तालिबान को मान्यता देने को लेकर कोई जल्दबाज़ी नहीं करेंगे. हम अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देंगे. हालांकि उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर अन्य क्षेत्रीय देश, विशेषकर मध्य एशिया और इस्लामी सहयोग संगठन के सदस्य, रूस के नक्शेकदम पर चलते हैं, तो पाकिस्तान भी अपने रुख में लचीलापन दिखा सकता है.
