बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में उस वक्त माहौल गरमा गया जब बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायकों के बीच तीखी बहस के बाद झड़प हो गई. ये विवाद अल्पसंख्यकों से जुड़े एक बिल पर चर्चा के दौरान शुरू हुआ. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि विधानसभा स्पीकर को मार्शल बुलाने पड़े.
बीजेपी विधायक और चीफ व्हिप शंकर घोष को हंगामे के चलते विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया. उनके साथ बंकिम घोष, अशोक डिंडा, अग्निमित्रा पाल और मिहिर गोस्वामी जैसे चार अन्य बीजेपी विधायकों को भी निलंबित कर दिया गया. इस दौरान शंकर घोष की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें तुरंत इलाज के लिए ले जाया गया.
हंगामे के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी बंगाल और उसकी संस्कृति के खिलाफ साजिश कर रही है. ममता ने बीजेपी को “वोट चोरों की पार्टी” बताया और कहा कि जिस समय बंगाल के लोगों ने आज़ादी के लिए खून बहाया, उस वक्त बीजेपी का नाम भी नहीं था. ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी देश में नफरत फैला रही है और धर्म के नाम पर लोगों को बांट रही है. उन्होंने दावा किया कि बंगाल की जनता एक दिन बीजेपी को पूरी तरह से नकार देगी और विधानसभा में उनका नामोनिशान नहीं बचेगा.


