हिमाचल बीजेपी में बगावत, रमेश धवाला ने खड़ा किया समानांतर संगठन

हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के भीतर गहराता असंतोष अब खुलकर सामने आ गया है। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता रमेश धवाला ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकते हुए “असली बीजेपी” के नाम से समानांतर संगठन की घोषणा कर दी है।

देहरा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रमेश धवाला ने पार्टी के मौजूदा नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने बीजेपी संगठन को हाईजैक कर लिया है और समर्पित कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश के असंतुष्ट नेताओं को साथ लेकर समानांतर संगठन खड़ा किया जाएगा और आगामी चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारे जाएंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस संकट से कैसे निपटती है और धवाला की यह बगावत हिमाचल की राजनीति में क्या नया मोड़ लाती है।

ढलियारा और हरिपुर में समानांतर संगठन के अध्यक्ष घोषित

रमेश धवाला ने ढलियारा मंडल से सुरेंद्र ठाकुर और हरिपुर मंडल से चौधरी मनी राम को “असली बीजेपी” का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा, बल्कि आने वाले दिनों में अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी समानांतर संगठन के पदाधिकारी बनाए जाएंगे।

भाजपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप

धवाला ने पार्टी नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “हम 40 सालों से बीजेपी के लिए काम कर रहे असली कार्यकर्ता हैं, लेकिन अब बाहरी लोग पार्टी पर कब्जा कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “हिमाचल में कांग्रेस से आए नेताओं को बीजेपी में प्रमुख स्थान दिया जा रहा है, जबकि पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है।”

धवाला ने पूर्व निर्दलीय विधायक होशियार सिंह पर भी निशाना साधा, जिनकी हाल ही में बीजेपी में एंट्री हुई है। उन्होंने कहा कि “जो नेता पहले बीजेपी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ा, उसे पार्टी में सम्मान दिया जा रहा है, जबकि हमने कभी पार्टी विरोधी गतिविधियों में भाग नहीं लिया, फिर भी हमें नजरअंदाज किया जा रहा है।”

राजनीतिक हलचल तेज, भाजपा के लिए नई चुनौती

धवाला के इस कदम से हिमाचल भाजपा में भारी उथल-पुथल मच गई है। कई पुराने कार्यकर्ता इस घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि भाजपा नेतृत्व ने समय रहते इस असंतोष को दूर नहीं किया, तो आगामी चुनावों में यह मामला पार्टी के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है।

रमेश धवाला ने साफ संकेत दिए हैं कि 25-26 मार्च को ज्वालामुखी में एक बड़ी बैठक होगी, जिसमें असली बीजेपी की अगली रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि “हमारे समानांतर संगठन को जनता की मान्यता मिलेगी, हमें उन लोगों की मान्यता की जरूरत नहीं जिनका कोई सिद्धांत नहीं है।”

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