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रेस्टोरेंट खाने के बिल में नहीं लगा सकते सर्विस चार्ज, दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले के फैसले के दौरान यह स्पष्ट कर दिया है कि रेस्टोरेंट और होटल में खाने के बिल के साथ सर्विस चार्ज को अनिवार्य नहीं कर सकते हैं. ग्राहक इसे अपनी इच्छा से दे सकते हैं,लेकिन इसे अनिवार्य करना उचित नहीं है.

बता दें कि जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने यह फैसला केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाली नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनाया. इसके साथ ही कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

क्या होता है सर्विस चार्ज

आसान भाषा में समझें तो आपको दी गई सर्विस के एवज में ली गई फीस को सर्विस चार्ज कहते हैं. बता दें कि ग्राहकों को लगता था कि दूसरे चार्जेस के साथ-साथ सर्विस चार्ज भी सरकार वसूलती है और बाकी टैक्सेस की तरह ही इसे भी देना मेंडेटरी है. ग्राहकों की चिंता को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने लोगों को बताना शुरू किया कि सर्विस चार्ज सरकारी टैक्स नहीं है और न ही अनिवार्य है. इसके बाद भी रेस्टोरेंट्स मनमाने तरीके से बिल के साथ सर्विस चार्ज जोड़ते रहे.

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