रेणुका बांध निर्माण को मिली अंतिम मंजूरी, परियोजना को मिलेगी रफ्तार

रेणुका बांध परियोजना से जुड़ी सबसे बड़ी बाधा आखिरकार दूर हो गई है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने परियोजना को अंतिम स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिससे अब बांध निर्माण का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। शुक्रवार को मिली इस मंजूरी के साथ ही परियोजना को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं।

परियोजना प्रबंधन बीते कई वर्षों से केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति का इंतजार कर रहा था। लंबे समय से फाइलों में अटकी इस योजना को अब वह हरी झंडी मिल चुकी है, जिसका असर तुरंत दिखाई दे रहा है। परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने इस मंजूरी को बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि अब निर्माण प्रक्रिया को शीघ्र शुरू किया जाएगा।

रेणुकाजी बांध परियोजना के कार्यकारी महाप्रबंधक इंजीनियर संजीव कुमार ने जानकारी दी कि मंत्रालय की ओर से द्वितीय चरण (फेज-2) की मंजूरी मिल गई है और अब परियोजना के निर्माण में कोई बाधा नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि आगे की सभी प्रक्रियाएं भी जल्द पूरी की जाएंगी।

बांध परियोजना के निर्माण से राजधानी दिल्ली को सीधा लाभ मिलेगा। इसके तहत दिल्लीवासियों को 23 क्यूमेक्स पीने के पानी की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, हिमाचल प्रदेश को 40 मेगावाट बिजली उत्पादन का लाभ मिलेगा।

करीब 10,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह परियोजना चार दशकों से अधर में लटकी हुई थी। अब इसे फिर से गति मिलने की पूरी उम्मीद है। केंद्र में भाजपा सरकार की वापसी को भी इस मंजूरी के लिए अनुकूल माना जा रहा है।

परियोजना की लगभग सभी तकनीकी और प्रशासनिक औपचारिकताएं पहले ही पूरी की जा चुकी थीं। केवल वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अंतिम स्वीकृति लंबित थी, जो अब प्राप्त हो गई है। इससे अब रेणुका बांध निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की संभावना है।

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