SC से सुक्खू सरकार को राहत, 6 CPS को आयोग्य ठहराए जाने पर लगाई रोक

न्यूज़ फ्लिक्स भारत। हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित सीपीएस नियुक्ति मामले को लेकर पूरे प्रदेश की सियासत तेज़ है. सत्ता पक्ष और विपक्ष में आपसी बयानबाजी चल रही है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट से प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार द्वारा नियुक्त प्रदेश के 6 मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की अयोग्यता प्रक्रिया पर शुक्रवार को रोक लगा दी. न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के उस निर्देश पर रोक लगा दी जिसमें प्रदेश के मुख्य संसदीय सचिवों और संसदीय सचिवों की नियुक्ति के अधिकार को असंवैधानिक घोषित किया गया था.

सीजेआई संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि मुख्य संसदीय सचिव के रूप में 6 विधायकों की नियुक्ति को रद्द करने के हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में आगे कोई कार्यवाही नहीं होगी. न्यायालय ने साथ ही यह स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार कोई और नियुक्ति नहीं करेगी क्योंकि यह कानून के विपरीत होगा.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता कल्पना देवी को भी नोटिस जारी कर उनसे दो सप्ताह में जवाब मांगा है. कोर्ट ने यह मामला चार हफ्ते बाद फिर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. इस मामले को पहले से लंबित याचिकाओं के साथ जोड़ा गया है.

बता दें कि 13 नवंबर को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था तथा जिस कानून के तहत उन्हें नियुक्त किया गया था उसे अमान्य घोषित कर दिया था. हाइकोर्ट ने नियुक्ति को रद्द करते हुए यह भी निर्देश दिया था कि 6 मुख्य संसदीय सचिवों की सभी सुविधाएं तथा विशेषाधिकार तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए जाएं. वहीं, हिमाचल प्रदेश में यह मामला न केवल संवैधानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच खींचतान का कारण बन गया है.

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