न्यूज़ फ्लिक्स भारत। देश के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा का 9 अक्तूबर को 86 साल की उम्र में निधन हो गया. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका उम्र से संबंधी कई बीमारियों का इलाज चल रहा था. उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कहना है कि रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स हॉल में रखा जाएगा. दोपहर 3.30 बजे तक लोग अंतिम दर्शन कर सकेंगे.
रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘श्री रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे. उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया. साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया. अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने कई लोगों का प्रिय बना लिया’.
टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को हुआ था. टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने कहा कि हम श्री टाटा को बहुत ही दुख के साथ विदाई दे रहे हैं, जो वास्तव में एक असाधारण नेता थे, जिनके अतुल्य योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को भी आकार दिया है. उन्होंने कहा कि टाटा समूह के लिए श्री टाटा एक अध्यक्ष से कहीं बढक़र थे. वह एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे. उन्होंने उदाहरण देकर प्रेरणा दी. उत्कृष्टता, अखंडता और नवाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने अपने नैतिक मानदंडों के प्रति हमेशा सच्चे रहते हुए अपने वैश्विक पदचिह्न का विस्तार किया.