राहुल गांधी का भाजपा पर हमला, मणिपुर हिंसा और दलित-अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताया भाजपा का रवैया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज झारखंड के सिमडेगा में चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने मणिपुर हिंसा और भाजपा की नीतियों को लेकर पार्टी को घेरा और कहा कि भाजपा की विचारधारा के कारण मणिपुर जल उठा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मणिपुर में भड़क रही हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की खामोशी यह दिखाती है कि भाजपा ने इस स्थिति को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है।

राहुल गांधी ने कहा, “भाजपा ने मणिपुर को जला दिया, और आज तक प्रधानमंत्री ने वहां का दौरा नहीं किया है, इसका मतलब है कि वे मानते हैं कि मणिपुर जैसा कोई राज्य नहीं है।” उन्होंने भाजपा की विचारधारा को दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के विरोधी बताते हुए कहा कि भाजपा देश के विकास के बजाय सिर्फ 2-3 लोगों के हाथों में सत्ता और संपत्ति केंद्रित करना चाहती है। राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और उद्योगपतियों अंबानी और अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए देश की संपत्ति हड़प रही है।

राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने 25 बड़े उद्योगपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया, जबकि आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्गों की कर्ज माफी के सवाल पर भाजपा ने हमेशा नकारात्मक रुख अपनाया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “जब हमने किसानों का कर्ज माफ करने की बात की तो भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी किसानों की आदतें खराब कर रहे हैं, लेकिन जब बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया तो क्या उनकी आदतें खराब नहीं हुईं?”

कांग्रेस नेता ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि वे देश में सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “भाजपा जहां भी जाती है, वह एक धर्म को दूसरे धर्म से, एक भाषा को दूसरी भाषा से लड़ाती है। इसके जवाब में हम ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की, जिसका उद्देश्य नफरत की बजाय मोहब्बत फैलाना था, ताकि पूरे देश के लोग मिलजुल कर रहें।”

राहुल गांधी ने भारत में समाज के विभिन्न वर्गों की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में 50% OBC, 15% दलित, 8% आदिवासी और 15% अल्पसंख्यक वर्ग के लोग हैं, जो कुल मिलाकर 90% आबादी का हिस्सा हैं। फिर भी, उन्होंने आरोप लगाया कि इन वर्गों का प्रतिनिधित्व बड़ी कंपनियों और सरकारी अफसरशाही में न के बराबर है। उन्होंने यह भी कहा, “भारत सरकार के बजट का अधिकांश निर्णय 90 अफसरों द्वारा लिया जाता है, लेकिन अगर इनमें से कोई एक अफसर आदिवासी वर्ग से है, तो उसकी आवाज को दबा दिया जाता है।”

राहुल गांधी ने देश की सामाजिक और आर्थिक असमानताओं के खिलाफ अपनी पार्टी की लड़ाई जारी रखने का भी संकल्प लिया।