पंजाब विश्वविद्यालय में पिछले कुछ समय से जारी तनाव और आंदोलनों के बीच प्रशासन ने एक बार फिर परीक्षाओं को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। छात्रों द्वारा सीनेट चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की मांग को लेकर जारी विरोध के कारण विश्वविद्यालय ने 18 से 20 नवंबर तक निर्धारित परीक्षाएँ स्थगित करने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय तब सामने आया है जब आंदोलनकारी छात्रों ने चेतावनी दी थी कि वे चुनाव कार्यक्रम घोषित न होने की स्थिति में परीक्षाओं का बहिष्कार करेंगे और उन्हें होने भी नहीं देंगे। पिछले पखवाड़े में यह तीसरी बार है जब विश्वविद्यालय को आंदोलन के दबाव में शैक्षणिक गतिविधियों में बदलाव करना पड़ा है।
हाल के दिनों में विरोध ने तब और गंभीर रूप ले लिया, जब किसान संगठनों ने भी कैंपस पहुँचकर छात्रों के आंदोलन को समर्थन दिया। विश्वविद्यालय ने छात्रों और प्रशासन के बीच संवाद बहाल करने के लिए वार्डनों, नए डीएसपी (सेंट्रल) और पाँच सदस्यीय प्रोफेसर समिति की मौजूदगी में बैठक की। समिति ने छात्रों को बताया कि उनकी दो मांगों पर पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है और बाकी बिंदुओं पर भी सकारात्मक प्रयास जारी हैं। वहीं छात्र समूहों का कहना है कि वे 25 नवंबर तक चुनाव कार्यक्रम घोषित होने का इंतज़ार करेंगे, क्योंकि प्रशासन ने इसी तारीख तक आश्वासन दिया है। वे वीसी चौक पर मौजूदा धरना जारी रखेंगे और 20 नवंबर को विभिन्न हितधारकों के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी धरना स्थल का दौरा कर छात्रों को समर्थन देने की बात कही और कहा कि पीयू के केंद्रीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। दिलचस्प है कि 18 नवंबर से निर्धारित अधिकांश मुख्य परीक्षाएँ वैसे भी शुरू नहीं हो रही थीं; केवल गैर-एनईपी पाठ्यक्रम और दूरस्थ शिक्षा केंद्र की परीक्षाएँ तय थीं। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे संशोधित तिथियों के लिए विश्वविद्यालय के आधिकारिक चैनल देखना जारी रखें, क्योंकि अंतिम निर्णय आने वाले दिनों में स्थिति को प्रभावित करेगा।


