मुख्यमंत्री के करीबी विधायकों के लिए तय हो रही प्राथमिकता- जयराम ठाकुर

हिमाचल। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के नकारात्मक रवैए एवं विधायकों के अपमान को लेकर 3 और 4 फरवरी को होने वाली विधायक प्राथमिकता की बैठक का भाजपा बहिष्कार करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार है और दो वर्षों से जो हमारे चुने हुए विधायक अपोजिशन के विशेष तौर से मैं जिक्र करना चाहूंगा, परंपरा के हिसाब से उसका पालन करते हुए विधायक प्राथमिकता की बैठकों में जाते रहे लेकिन हमें इस बात को लेकर के अफसोस है कि दो वर्ष के कार्यकाल में अपोजिशन के विधायकों की डीपीआर बनने की प्रोसेस अधिकांश जगह पर हुई ही नहीं है।

उन्होंने कहा अगर विधायक अपने अपने क्षेत्र की बात कहना चाहेंगे तो एक दो स्पेसिफिक इश्यूज को लेकर के जो हमने प्राथमिकता दी है, पीडब्लूडी और आईपीएच में दी है उसकी डीपीआर बनाने की प्रोसेस ही शुरू नहीं हुई और दो वर्ष का कार्यकाल कांग्रेस का पूरा हो चुका है। यह तीसरी विधायक प्राथमिकता की बैठक है. सवाल यह उठता है कि जब आपको डीपीआर ही नहीं बनानी है तो निश्चित रूप से उसके बाद फिर विधायकों के कहने पर काम कैसे होंगे ? उससे आगे बढ़कर के एक और चीज को लेकर के हिमाचल प्रदेश में एक नई परंपरा शुरू कर दी गई है कि पिछली डीपीआर जो बन कर के तैयार हो भी गई है उसमें भी लिस्ट बना कर के मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत की जा रही है, कौन सी डीपीआर नाबार्ड के सामने पेश करनी है और उसमें फिर जो है भारतीय जनता पार्टी यानी कि विपक्ष के विधायकों की डीपीआर बनी है उनके सामने काटा जाए।

जयराम ने कहा कि सिर्फ कांग्रेस के विधायकों की और कांग्रेस के विधायकों में से भी उन विधायकों के लिए प्राथमिकता तय हो रही है जो मुख्यमंत्री के करीब और नजदीक है। केवल उनकी स्कीमों के सामने टिक लगता है और जब हमने पिछले कल बहिष्कार का फैसला किया कि तो कांग्रेस के भी बहुत सारे विधायक ऐसे हैं जो संपर्क कर रहे हैं कि हमारी भी स्थिति ऐसी ही है जैसी स्थिति आपकी है। मैं समझता हूं यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है जब मुख्यमंत्री विपक्ष में हुआ करते थे तो विधायक इंस्टिट्यूशन की बहुत लंबी-लंबी बातें करते थे, विधायकों के लिए यह होना चाहिए विधायकों के लिए वह होना चाहिए। विधायकों के जो प्रेरोगेटिव के लिए हमको एक मंच होकर मंच पर सारी चीजों को छोड़ कर के काम करना चाहिए, लेकिन बहुत दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति है हमारे सामने अगर विधायक इंस्टिट्यूशन को पूरी तरह से बर्बाद किया है तो वर्तमान की सरकार के कार्यकाल में हुआ है।

error: Content is protected !!