प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने आवास पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के लाभार्थियों से मुलाकात की और इस योजना की 10वीं वर्षगांठ के मौके पर इसकी उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि अब तक देश के लोगों को बिना किसी गारंटी के 33 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण प्रदान किया जा चुका है, जिससे करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव आया है।
पीएम मोदी ने कहा, “यह योजना मेरे लिए नहीं, देश के युवाओं और छोटे उद्यमियों के लिए है। यह आत्मनिर्भर भारत की नींव है।” उन्होंने जानकारी दी कि अब तक देशभर में 52 करोड़ से अधिक मुद्रा लोन वितरित किए जा चुके हैं, जिससे लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनने का अवसर मिला है।
सफलता की कहानियां और प्रेरणा
कार्यक्रम में शामिल कई लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं। एक महिला लाभार्थी ने बताया कि वह अत्यंत गरीबी में जीवन गुजार रही थीं, लेकिन मुद्रा योजना से ऋण लेकर अब उनका मासिक आय 60 हजार रुपये हो चुकी है। उन्होंने पहली बार दिल्ली आने और पहली बार हवाई जहाज में सफर करने का अनुभव भी साझा किया।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि मुद्रा लोन से उन्होंने न सिर्फ अपना व्यवसाय खड़ा किया, बल्कि अब उनका सालाना टर्नओवर 12 लाख से बढ़कर 50 लाख रुपये तक पहुंच गया है।
समावेशी विकास की मिसाल
पीएम मोदी ने इस बात पर विशेष संतोष व्यक्त किया कि मुद्रा लाभार्थियों में से अधिकतर अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग से हैं, और 70% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। उन्होंने कहा, “प्रत्येक मुद्रा लोन केवल पैसा नहीं, बल्कि सम्मान, आत्म-सम्मान और अवसर लेकर आता है।”
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार का ध्यान इस बात पर रहेगा कि हर उभरते उद्यमी को आसानी से ऋण उपलब्ध हो, ताकि वह आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सके।