संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ ने मंगलवार को राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ बैठक के बाद अपने आंदोलन को समाप्त करने का फैसला किया। अब पटवारी और कानूनगो बुधवार से ऑनलाइन सेवाओं के अलावा 500 पटवार सर्कल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभालेंगे। इसके साथ ही वे तहसीलदारों को सौंपी गई चाभियां वापस ले लेंगे।
मांगें पूरी करने के लिए दी गई दो महीने की मोहलत
महासंघ ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा और उन्हें पूरा करने के लिए दो महीने का समय दिया। स्टेट कैडर को समाप्त करने की मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। इस संबंध में अगर अधिसूचना जारी नहीं होती है, तो कलम छोड़ आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा। इससे पहले, 15 अगस्त को पटवारी और कानूनगो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से देहरा में मिले थे।
प्रमुख मांगें
- कानूनगो का नायब तहसीलदार के लिए कोटा 60% से बढ़ाकर 80% किया जाए।
- कानूनगो और नायब तहसीलदार की भर्ती और पदोन्नति में संशोधन और विभागीय परीक्षा को तर्कसंगत बनाया जाए।
- चार पटवार वृत पर एक कानूनगो वृत गठित किया जाए और पटवार वृतों का सृजन लैंड रिकार्ड मैनुअल के आधार पर किया जाए।
- भू-व्यवस्था के कानूनगो की पदोन्नति नायब तहसीलदार भू व्यवस्था के पद पर की जाए।
- सभी पटवारखानों और कानूनगो भवनों को रहने और कार्य करने योग्य बनाया जाए, और उन्हें हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ा जाए।
- कानूनगो के रिक्त पदों को भरने के लिए सेवानिवृत्त कानूनगो को पुनर्नियुक्ति देने के बजाय योग्य पटवारियों को एकमुश्त छूट दी जाए।
- पटवारी और कानूनगो की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए और उनके वेतन और भत्तों में वृद्धि की जाए।