भारतीय थल सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया. उन्होंने आईआईटी मद्रास में अपने संबोधन के दौरान कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति शतरंज खेलने जैसी थी. उन्होंने इसे पारंपरिक सैन्य कार्रवाई से हटकर एक खतरनाक ‘शतरंज’ की चाल के रूप में बताया. सेना प्रमुख ने इसे “ग्रे ज़ोन” बताया. एक ऐसा क्षेत्र जहां मानक युद्ध रणनीति नहीं, बल्कि सूझबूझ और साहसिक विकल्प काम में लिए जाते हैं.
सेना प्रमुख द्विवेदी ने इस ऑपरेशन को राजनीति और सैन्य योजना का उत्कृष्ट संगम बताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री ने अधिकारियों को ‘पूर्ण छूट’ दी, जिसके असर में सैन्य नेतृत्व ने रणनीति बनाने और कार्रवाई करने में बचाव की किसी बाधा के बिना काम किया. यह स्पष्ट दिशा और आत्मविश्वास सेना की ताकत बन गया.
सेना प्रमुख ने कहा कि 25 अप्रैल तक उत्तरी कमान ने पहले ही 9 नियोजित लक्ष्यों में से 7 महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमले की तैयारी कर ली थी और कई आतंकवादियों को मार गिराया था. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर उरी और बालाकोट जैसे पहले के अभियानों से अलग था. उन्होंने आगे कहा कि अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि तुम हारे या जीते, तो वो कहेगा कि मेरा आर्मी चीफ फील्ड मार्शल बन गया है. हम ही जीते होंगे, तभी तो वो फील्ड मार्शल बना है.
