एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में पेश संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों को सरकार नियंत्रित कर रही है और इनकी नियुक्ति प्रक्रिया स्वतंत्र नहीं है. ओवैसी ने साफ किया कि यह समस्या सिर्फ भाजपा सरकार की नहीं, बल्कि यूपीए सरकार के समय भी थी. ओवैसी ने विधेयक में राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री को हटाने का अधिकार दिए जाने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यह संविधान के मौलिक ढांचे के खिलाफ है, क्योंकि राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही कार्य करते हैं.
उन्होंने राजनीतिक विरोधियों को एजेंसियों से निशाना बनाए जाने का आरोप भी लगाया और कहा कि यदि नैतिकता की बात होती है तो कानून ऐसा भी बने कि भ्रष्टाचार के आरोपी नेता किसी पार्टी में शामिल न हो सकें. इसके अलावा, उन्होंने बिहार में चल रही एसआईआर प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि चुनाव आयोग को नागरिकता की जांच का अधिकार नहीं है, यह गृह मंत्रालय का विषय है. ओवैसी ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को अपनी सीमाओं में रहकर कार्य करना चाहिए, वरना जनता का भरोसा टूटेगा.
