परिसीमन के मुद्दे को लेकर चेन्नई में विपक्षी दलों की बैठक

परिसीमन के मुद्दे को लेकर तमिलनाडु के सीएम और डीएसके के अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने चेन्नई एक बैठक बुलाई. जेएसी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए एम. के. स्टालिन ने कहा कि मैं केरल,कर्नाटक,आंध्र प्रदेश,तेलंगाना,ओडिशा,पश्चिम बंगाल औऱ पंजाब के नेताओं का स्वागत करता हूं. स्टालिन ने कहा कि हम परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं,हम निष्पक्ष परिसीमन के पक्ष में हैं.

सीएम स्टालिन डीएमके के नेतृत्व में आयोजित सर्वदलीय बैठक को एक ऐतिहासिक क्षण बताया जिसमें, 58 दलों ने एक ही मुद्दे के लिए मतभेदों को दरकिनार करते हुए हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि यह सर्वसहमति लोकतंत्र और न्याय के प्रति तमिलनाडु की अटूट प्रतिबद्धता दर्शाती है.

वहीं, भाजपा ने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया और स्टालिन पर कर्नाटक तथा केरल के साथ कावेरी और मुल्लापेरियार जल बंटवारे के विवादों पर ऐसी बैठकें न बुलाने का आरोप लगाया. भाजपा नेता तमिलिसाई सौंदरराजन ने इस बैठक को संबंधित नेताओं द्वारा भ्रष्टाचार छिपाने वाली बैठक बताया.

तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन परिसीमन पर अपना भ्रामक नाटक कर रहे होंगे, हम उम्मीद करते हैं कि वह इंडिया गठबंधन के अपने सहयोगियों को द्रमुक के मंत्री टी.एम. अनबरसन का यह भाषण सुनाएंगे. ऐसा लगता है कि द्रमुक के मंत्रियों ने उत्तर भारत के हमारे भाइयों और बहनों का अपमान करने का सामूहिक निर्णय लिया है.

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