भारत वायु प्रदूषण के मामले में एक बार फिर दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में शामिल हो गया है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में सभी स्थान भारतीय शहरों ने हासिल किए हैं. हालांकि, राजधानी दिल्ली इस बार 13वें स्थान पर रही. उत्तर भारत के कई छोटे और बड़े शहरों में हवा की गुणवत्ता गंभीर और खतरनाक स्तर तक पहुँच गई है. सूची में राजस्थान का श्रीगंगानगर सबसे ऊपर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 830 तक पहुंच गया. हरियाणा के छह शहर—सिवानी, हिसार, चरखी दादरी, रोहतक, भिवानी और ससरौली इस शीर्ष 10 सूची में शामिल हैं. इसके अलावा पंजाब का अबोहर और उत्तर प्रदेश का नांगली बहरामपुर (नोएडा) भी इसमें शामिल हैं.
दिल्ली की हवा भी बेहद खराब श्रेणी में है. 30 अक्तूबर की सुबह दिल्ली में औसत AQI 386 दर्ज किया गया. कृषि अपशिष्ट जलाना, वाहन उत्सर्जन, निर्माण कार्य और औद्योगिक प्रदूषण इस स्थिति के प्रमुख कारण हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर PM 2.5 और PM 10 कण मानक सीमा से कई गुना अधिक पाए गए हैं. ये सूक्ष्म कण फेफड़ों तक पहुँचकर सांस की बीमारियों और हृदय रोगों का खतरा बढ़ाते हैं. सर्दियों में उत्तर भारत में प्रदूषण का संकट और बढ़ जाता है, जब धूल, धुआँ और पराली जलाने से उत्पन्न स्मॉग वातावरण में जम जाता है. विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि समय पर ठोस कदम न उठाए गए तो स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ेगा.


