पहलगाम आतंकी हमले की NIA ने बताई पूरी साजिश, क्यों चुनी गई बैसरन घाटी

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बताया है कि आतंकियों ने बैसरन घाटी को हमले के लिए इसलिए चुना, क्योंकि वहाँ पर्यटकों की भीड़ होती है और यह इलाका थोड़ा एकांत में है. इससे उन्हें हमला करने के बाद भागने का मौका मिल सकता था, क्योंकि सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया में थोड़ी देर लगती है.

हमले में शामिल थे 3 आतंकी

NIA के अनुसार, तीन आतंकी इस हमले में सीधे तौर पर शामिल थे. वे पाकिस्तान के थे और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकी संगठन से जुड़े थे. इससे पहले जून में NIA ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था – परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर. इन पर आतंकियों को रहने की जगह, खाना और मदद देने का आरोप है.

26 लोगों की बेरहमी से हत्या

22 अप्रैल को हुए इस हमले में आतंकियों ने लोगों का धर्म पूछकर गोलियां चलाईं. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें से ज़्यादातर लोग दूसरे राज्यों से आए पर्यटक थे.

भारत का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर

हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाया और पाकिस्तान को चेतावनी दी कि सीमा पार आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया, जिसमें पाकिस्तान और POK (पाक अधिकृत कश्मीर) में कई आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए गए. इस ऑपरेशन में जैश और लश्कर जैसे संगठनों को बड़ा नुकसान पहुंचा.

100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए

इसके बाद भारत ने “ऑपरेशन महादेव” के तहत पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकियों को भी ढूंढकर मार गिराया.

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