प्रदेश में बीपीएल परिवारों का नए सिरे से सर्वेक्षण होगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यानी वीरवार को कैबिनेट की मीटिंग हुई जिसमें इसके लिए मापदंड तय किए गए। लिए गए फैसले के मुताबिक प्रदेश में अब ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल किया जाएगा जिनमें 18 से 59 वर्ष की उम्र के बीच कोई वयस्क नहीं होगा।
इसके साथ ही जिन परिवारों की मुखिया महिलाएं हैं जिनके मुखिया 50% या उससे अधिक दिव्यांग है जिन्होंने मनरेगा के तहत साल में काम से कम 100 दिन काम किया है और जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर अल्जाइमर पार्किंसंस मस्कुलर डिस्ट्रॉफी थैलेसीमिया या अन्य इसी तरह की किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल किया जाएगा
कैबिनेट की मीटिंग में बीपीएल में पात्रता के लिए रोजगार की शर्ट डेढ़ लाख रुपये कर दी गई है इससे पहले जिनकी आयु ₹50000 सालाना थी केवल वही परिवार बीपीएल में चुने जाते थे।
मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी तथा उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखा। मंत्रिमंडल ने देश तथा हिमाचल प्रदेश के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान हिपा का नाम डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान करने को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1ए में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी करने को मंजूरी दी है। इस संशोधन से राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी से हिमाचल प्रदेश काश्तकारी और भूमि सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118(2)(एच) के तहत सुरक्षित हस्तांतरण और पट्टा लेन-देन पर 12 प्रतिशत की एक समान स्टाम्प ड्यूटी दर लगाई जा सकेगी।
मंत्रिमंडल ने सफेदा, चिनार और बांस तथा बिक्री के लिए दस वर्षीय कार्यक्रम के अनुसार खैर की कटाई के अतिरिक्त अन्य पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने को मंजूरी देने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने राज्य के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की शिकायतों के निवारण के लिए ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के लिए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल ने भारत सरकार से किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना के विद्युत घटक के लिए 90ः10 वित्तपोषण फार्मूला अपनाने के आग्रह को दोहराया, जो जल घटक के लिए अपनाए गए फार्मूले के समान है। इसके स्थान पर अंतर-राज्यीय समझौते के तहत विद्युत घटक के लिए राज्य सरकार द्वारा देय संपूर्ण राशि के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया।