न्यूज़ फ्लिक्स भारत। हिमाचल के राज्यपाल और मंत्री जगत सिंह नेगी के बीच नौतोड़ संशोधन विधेयक को लेकर विवाद तेज़ हो गया है. जहां जगत सिंह नेगी ने राज्यपाल के नौतोड़ संबंधी मंत्रिमंडल के प्रस्ताव को मंजूरी ना देने पर उनके खिलाफ सड़कों पर उतरने की बात कही थी. वहीं, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शुक्रवार को इन आरोपों का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि राजभवन किसी के चुनावी वादों को पूरा करने का मंच नहीं है. उन्होंने कहा कि राजभवन ने सरकार से लाभार्थियों की सूची मांगी थी, लेकिन अब तक यह सूची उपलब्ध नहीं करवाई गई है. राज्यपाल ने कहा कि राजभवन ने ही उन्हें शपथ दिलाई है और उनके प्रति सम्मान का भाव रखा है, बावजूद इसके मंत्री राजभवन का अनादर कर रहे हैं.
वहीं, मंत्री जगत सिंह नेगी ने दावा किया कि इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए उन्होंने पांच बार राज्यपाल से मुलाकात की है. इसके अतिरिक्त, किन्नौर दौरे के दौरान जनजातीय क्षेत्रों के प्रतिनिधिमंडलों ने भी इस मुद्दे पर राज्यपाल से वार्ता की थी. उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्यपाल की सभी आपत्तियों का समाधान कर दिया है, लेकिन मंजूरी न मिलने का कारण स्पष्ट नहीं है.
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी का कहना है कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों, जिनमें किन्नौर, लाहौल-स्पीती और पांगी-भरमौर का इलाका है. यहां से करीब 20 हजार आवेदन जमीन के लिए आए हैं. इन आवेदनों में कुछ प्रोसेस हो चुके हैं और कुछ की प्रकिया जारी है. जगत सिंह नेगी ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में फोरेस्ट कंजरवेशन एक्ट को सस्पेंड करने की शक्ति राज्यपाल के पास ही है. इससे तीन बार कैबिनेट के प्रस्ताव को मंजूरी दी चुकी है.
