नई दिल्ली: विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर साल नवंबर महीने में राष्ट्रीय STEM दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य छात्रों को STEM के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना, समस्या समाधान की क्षमता को बढ़ावा देना और इनोवेशन के माध्यम से देश के विकास में योगदान देना है।
दूसरी ओर, भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। रमन प्रभाव की खोज के लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
STEM शिक्षा पर जोर क्यों?
STEM शिक्षा का महत्व इस तथ्य से स्पष्ट होता है कि यह आधुनिक दुनिया में आर्थिक विकास और नवाचार के लिए आवश्यक है। STEM क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी जैसे वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए STEM ज्ञान और कौशल आवश्यक हैं।
राष्ट्रीय STEM दिवस कैसे मनाया जाता है?
राष्ट्रीय STEM दिवस के दौरान स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और विभिन्न संगठन कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इनमें कार्यशालाएं, प्रदर्शनी, प्रतियोगिताएं और व्याख्यान शामिल होते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को STEM के क्षेत्र में नवीनतम विकासों से अवगत कराना और उन्हें प्रेरित करना है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का महत्व
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और युवाओं को विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से विज्ञान के महत्व को समझाया जाता है और आम जनता को वैज्ञानिक उपलब्धियों से अवगत कराया जाता है।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय STEM दिवस और राष्ट्रीय विज्ञान दिवस दोनों ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण पहल हैं। इन दिवसों के माध्यम से छात्रों और आम जनता को विज्ञान के प्रति जागरूक किया जाता है और उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाता है।