संसद के मॉनसून सत्र में बुधवार को राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 लोकसभा में पेश किया गया. केंद्रीय खेल मंत्री मंसुख मंडाविया ने बताया कि यह विधेयक खेल प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और नैतिक मानकों को मजबूत करने के उद्देश्य से लाया गया है.
इस विधेयक के तहत एक नैशनल स्पोर्ट्स बोर्ड की स्थापना प्रस्तावित है, जो राष्ट्रीय खेल महासंघों को मान्यता देगा और वित्तीय सहायता इस आधार पर उपलब्ध कराएगा कि वे “अच्छे शासन, वित्तीय और नैतिक मानकों” का पालन कर रहे हैं.
इसमें सर्वाधिक चर्चित पहल यह है कि अब BCCI भी विधेयक के अंतर्गत आएगा उसे भी मान्यता लेनी होगी, समय पर चुनाव कराना होगा और कानूनन ट्राइब्यूनल से ही कानूनी मुद्दे उठाने होंगे. खेल प्रशासन में लंबे समय से आलोचनाओं का सामना कर रहे महासंघों के लिए यह भारी बदलाव माना जा रहा है.
