मुंबई में मीठी नदी की सफाई में कथित अनियमितताओं के मामले में शिवसेना के प्रवक्ता संजय निरुपम ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) पर निशाना साधा है और आदित्य ठाकरे और उनके करीबी अभिनेता डीनो मोरिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं. निरुपम ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 2005 से 2022 तक बीएमसी पर अविभाजित शिवसेना का शासन था.
संजय निरुपम ने आरोप लगाया मुंबई में हर कोई जानता है कि उस अवधि के दौरान मातोश्री की मंजूरी के बिना कोई भी अनुबंध नहीं दिया जा सकता था. इस दौरान मीठी नदी की सफाई के काम के लिए कुल 18 ठेकेदारों को नियुक्त किया गया था. निरुपम ने 65 करोड़ रुपये के मीठी सफाई कथित घोटाले का विशेष रूप से जिक्र करते हुए कहा चूंकि डिनो मोरिया से पूछताछ की गई है और सब जानते हैं कि वह आदित्य ठाकरे के करीबी हैं, इसलिए ठाकरे की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.
बता गें कि मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कथित घोटाले में गिरफ्तार एक बिचौलिए के साथ कथित संबंधों को लेकर बुधवार को मोरिया और उनके भाई से पिछले तीन दिन में दूसरी बार पूछताछ की. आरोप है कि नदी से गाद निकालने के लिए विशेष उपकरण किराए पर लेने के लिए निविदाओं में कुछ आपूर्तिकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से हेरफेर किया गया.
