हिमाचल प्रदेश में जारी मानसून सीजन भारी तबाही मचा रहा है। 20 जून से अब तक 276 लोगों की जान जा चुकी है, यह आंकड़े हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) ने जारी किए हैं। इनमें से 143 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं—भूस्खलन, अचानक आई बाढ़, बादल फटने, डूबने, करंट लगने और ढलानों से गिरने जैसी घटनाओं—में हुई हैं। वहीं 133 लोगों की जान सड़क हादसों में गई है।
सबसे ज्यादा प्रभावित: मंडी और कांगड़ा
मंडी और कांगड़ा जिले सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। मंडी में 26 बारिश से जुड़ी मौतें और 21 सड़क हादसे दर्ज हुए, जबकि कांगड़ा में 29 बारिश से जुड़ी मौतें और 18 सड़क हादसे हुए। इसके अलावा चंबा (34 मौतें), हमीरपुर (13), किन्नौर (25) और कुल्लू (12) भी गंभीर रूप से प्रभावित हुए।
पशुधन को भारी नुकसान
मानव जीवन के साथ-साथ पशुधन को भी बड़ा नुकसान हुआ है। 1,797 पशु और 25,000 से अधिक पोल्ट्री पक्षी मारे गए। वहीं, 336 लोग घायल हुए और 37 अब भी लापता हैं।
सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति ठप
मानसून ने बुनियादी ढांचे को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है। 359 सड़कें अब भी बंद हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले कुल्लू, मंडी और चंबा हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD) को ₹1,21,675.58 लाख का नुकसान, जल शक्ति विभाग को ₹73,294.76 लाख का नुकसान, और विद्युत विभाग को ₹13,946.69 लाख का नुकसान हुआ है। बिजली और पानी की सप्लाई भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। 550 ट्रांसफॉर्मर बंद पड़े हैं, जिनमें सबसे ज्यादा कुल्लू (281) और मंडी (191) में हैं। वहीं, 132 पेयजल योजनाएं ठप हैं, जिनमें कुल्लू (56) और मंडी (60) योजनाएं शामिल हैं।
HPSDMA ने जारी की एडवाइजरी
HPSDMA ने लोगों को सावधानी बरतने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है, खासकर भूस्खलन प्रभावित इलाकों में। प्राधिकरण ने कहा कि बहाली का काम पीडब्ल्यूडी, जल शक्ति और बिजली विभाग के साथ मिलकर जारी है, लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन से मुश्किलें बढ़ रही हैं।
