प्रति यूनिट बिजली खपत पर लगेगा मिल्क सेस, सदन में उठा हिमकेयर का मुद्दा

न्यूज़ फ्लिक्स भारत, हिमाचल।  हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में सीएम सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विद्युत(शुल्क) संशोधन विधेयक पेश किया, जिसमें दो प्रावधान है. पहला प्रति यूनिट बिजली की खपत पर 10 पैसे मिल्क सेस लगेगा. जिन उफभोक्ताओं का बिजली का बिल जीरो आएगा उनसे मिल्क सेस नहीं लिया जाएगा.  हिमाचल प्रदेश में 125 यूनिट बिजली मुफ्त मिलती है. सेस का उपयोग मिल्क उत्पादन को बढ़ावा देने और दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाएगा.

दूसरे संशोधन के अनुसार लघु औद्योगिक उर्जा यूनिट में पर्यावरण सेस के तौर पर 2 पैसे प्रति यूनिट, मध्यम औद्योगिक ऊर्जा पर 4 पैसे, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे और कमर्शियल सेक्टर पर भी 10 पैसे प्रति यूनिट पर्यावरण सेस लगेगा. इसके अलावा एक अन्य संशोधन किया गया है जिसके अनुसार लघु औद्योगिक उर्जा यूनिट में पर्यावरण सेस के तौर पर 2 पैसे प्रति यूनिट, मध्यम औद्योगिक ऊर्जा पर 4 पैसे, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे और कमर्शियल सेक्टर पर भी 10 पैसे प्रति यूनिट पर्यावरण सेस लगेगा.

वहीं, अस्थाई कनेक्शन व स्टोन क्रेशर पर पर 2 रुपये  प्रति यूनिट औऱ विद्युत वाहन के चार्जिंग स्टेशन पर 6 रुपये प्रति यूनिट पर्यावरण सेस लगेगा. पर्यावरण सेस का उफयोग रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यम से बिजली उत्पादन औऱ पर्यावरण के संरक्षण के लिए किया जाएगा.

सुक्खू सरकार द्वारा हिमाचल को आर्थिक संकट से उभारने के लिए इस तरह के फैसले लिए जा रहे है. वहीं, सदन में हिमकेयर और सहारा योजना को लेकर बीजेपी के सदस्यों ने सदन में सवाल उठाया जिसके जवाब में सरकार ने कहा कि निजी अश्पतालों का 127 करोड़ रुपया बकाया है. हिमकेयर योजना 245141 आवेदन आए हैं जिसमें से 1527 लंबित है जबकि 243614 आवेदन मंजूर हुए हैं. वहीं, सहारा योजना में 16798 आवेदन आए हैं जिनमें से 11419 आवेदन मंजूर हुए हैं जबकि 5379 लंबित है.

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