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ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में SIR को ‘वोटबंदी’ करार दिया, आयोग से तत्काल रोक की मांग

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने की प्रक्रिया को ‘वोटबंदी’ बताते हुए इसे तुरंत रोकने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एसआईआर के नाम पर लोगों को परेशान कर रही है और इस प्रक्रिया के विरोध करने पर उन्हें जेल या धमकी दी जा सकती है।

सिलीगुड़ी में मीडिया से बातचीत में बनर्जी ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले एसआईआर कराने की जल्दबाजी समझ से बाहर है और मतदाता सूची का पुनरीक्षण केवल दो-तीन महीनों में पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने इसे ‘सुपर इमरजेंसी’ का एक और रूप बताया और केंद्र से लोगों के मताधिकार पर अंकुश लगाने से परहेज करने की अपील की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जीएसटी पर भी कटाक्ष किया और इसे एक भूल करार देते हुए इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जनता को जीएसटी के नाम पर आर्थिक रूप से प्रभावित कर रही है।

इस बीच, पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और राज्य में एसआईआर प्रक्रिया में राहत की मांग की है। जनहित याचिकाएं पहले से ही कलकत्ता हाई कोर्ट में लंबित हैं, जहां याचिकाकर्ता ने समयसीमा बढ़ाने और अदालत की निगरानी में प्रक्रिया को पूरा करने की मांग की है। इस मामले पर न्यायालय ने चुनाव आयोग को हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए हैं।

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