दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच में NIA को एक अहम सुराग मिला है। जांच एजेंसी ने डॉ. शाहीन के कमरे नंबर 22 की अलमारी से 18 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं, जो एक साधारण पॉलीथिन बैग में छिपाकर रखे गए थे। अब एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि इतनी बड़ी रकम शाहीन के पास कैसे पहुँची। जांच में यह भी उजागर हुआ है कि शाहीन और गिरफ्तार आरोपी डॉ. मुज़म्मिल शकील के बीच नज़दीकियों ने कथित आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने में भूमिका निभाई। मुज़म्मिल ने पूछताछ में बताया कि दोनों की मुलाकात अल-फलाह यूनिवर्सिटी में हुई और 2023 में उन्होंने निकाह कर लिया। वह पहले से शादीशुदा थी और उसके पूर्व पतियों ने भी उसके व्यवहार को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे।
NIA की तफ्तीश में यह भी पता चला कि मुज़म्मिल के फरीदाबाद में दो और किराए के ठिकाने थे—फतेहपुर टागा, धौज, और खोरी जमालपुर में। खोरी जमालपुर के मकान मालिक ने बताया कि मुज़म्मिल ने खुद को कश्मीरी फल व्यवसाय शुरू करने वाला व्यापारी बताया था। जांच में सामने आया कि उसने कुछ दिनों तक बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री एक किसान की जमीन पर बने कमरे में छुपाई और बाद में इसे फतेहपुर टागा में मौलवी इश्तियाक के घर तक ले गया। NIA अब यह पता लगा रही है कि इन ठिकानों का उपयोग किस प्रकार की साजिश के लिए किया गया और इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है।


