माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है. मौनी अमावस्या का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है. महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन पड़ रहा है. यह बेहद शुभ माना गया है. इस दिन श्रद्धालु मौन धारण करके संगम में स्नान करेंगे. महाकुंभ के अलावा, अन्य श्रद्धालु अन्य नदियों में स्नान करेंगे और पुण्य अर्जित करेंगे.मौनी अमावस्या का शाब्दिक अर्थ है ‘मौन रहने वाली अमावस्या’.
इस वर्ष मौनी अमावस्या 29 जनवरी को पड़ रही है. इस दिन श्रद्धालु गंगा, नर्मदा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करेंगे. साथ ही विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी। मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन मौन व्रत रखने का विधान है हालांकि गृहस्थ लोगों के लिए दिन भर मौन रह पाना थोड़ा मुश्किल है. ऐसे में गृहस्थ लोग पूजा-पाठ करने के बाद अपना मौन व्रत खोल सकते हैं.
पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की तिथि की शुरुआत 28 जनवरी को रात 07:35 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 29 जनवरी को शाम को 06:05 मिनट पर होगा. ऐसे में मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी.
