22 महीनों में 25 हजार करोड़ का कर्ज: सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपलब्धि

न्यूज़ फ्लिक्स भारत – शिमला : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने पार्टी के घोषणापत्र और छोटे-बड़े नेताओं के बयानों को फिर से सुनना चाहिए कि कांग्रेस ने हिमाचल को कौन-कौन सी गारंटियाँ दी थीं। उन्हें पार्टी मुख्यालय में पड़े फॉर्म भी देखना चाहिए, जिनमें युवाओं को स्टार्टअप फंड देने और महिलाओं से सम्मान निधि के फॉर्म भरवाने के मामले शामिल हैं। यह देखकर शायद उन्हें याद आ जाए कि प्रदेश के लोगों ने उन्हें किसलिए बहुमत दिया था। अगर मुख्यमंत्री अब झूठ बोलना बंद कर दें, तो यह प्रदेश पर एक बड़ी मेहरबानी होगी। अब उनके आलाकमान और राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी मान लिया है कि झूठ बोलने और बड़े-बड़े चुनावी वादे करने के कारण आज कांग्रेस की यह स्थिति है। कांग्रेस के सभी सरकारों की किरकिरी इसी झूठ के कारण हो रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल में कहे गए झूठ के कारण अब कांग्रेस के किसी नेता और उनके बयानों को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है। कांग्रेस के झूठ की वजह से अब उनकी गारंटियों की राजनीति समाप्त हो गई है। हिमाचल और उसके नेताओं से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व किनारा कर रहा है, लेकिन इससे कांग्रेस को मुक्ति नहीं मिलने वाली है। उनके द्वारा हिमाचल विधानसभा चुनाव के बड़े मंचों से लेकर नुक्कड़ और चौराहों तक कहे गए हर झूठ एक दस्तावेज की तरह दर्ज हैं, जिससे हम कांग्रेस को भागने नहीं देंगे।

गारंटियों को लेकर विधानसभा के भीतर भी हमने उनके झूठ को कागजात के साथ बेनकाब किया था और आगे भी करेंगे। कांग्रेस को यह बात समझनी चाहिए कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हिमाचल के बारे में जो कहा, उसका हर शब्द शत प्रतिशत सत्य है। हिमाचल पिछले महीनों से देशभर में चर्चा में है, जिसकी वजह से उसकी छवि खराब हुई है। अब मुख्यमंत्री प्रेस कांफ्रेंस करके बताते हैं कि इस महीने कर्मचारियों को वेतन मिल जाएगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि उन्होंने पाँच गारंटियाँ पूरी कर दी हैं। गारंटियों के अनुसार, उनकी सरकार बने दो साल हो गए हैं, तो दो लाख लोगों को नौकरी देनी थी, लेकिन एक भी नौकरी नहीं दी गई। उल्टे, डेढ़ लाख से ज़्यादा पद समाप्त कर दिए गए और 12 हजार से ज़्यादा लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया।

18 से 60 साल की हर महिला को 1500 रुपये हर महीने देने का वादा किया गया था। कुल पात्र महिलाओं की संख्या 22 लाख के आसपास थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के ठीक पहले मात्र 26 हजार महिलाओं को एक किस्त देकर बैठ गए। इसके बाद से किसी को एक पैसा नहीं मिला है। 300 यूनिट बिजली फ्री देने की गारंटी दी गई थी, लेकिन पूर्व सरकार द्वारा दी गई 125 यूनिट बिजली की सुविधा भी समाप्त कर दी गई और 300 यूनिट बिजली खर्च करने पर घरेलू उपभोक्ताओं से व्यावसायिक दर पर बिल लिए जा रहे हैं। गाय का दूध 80 और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर खरीदने की गारंटी दी गई थी। आज दूध की कीमत क्या है?

हर विधानसभा के एक हजार युवाओं को ब्याज-मुक्त ऋण देने के लिए 680 करोड़ का स्टार्टअप फंड बनाने की गारंटी दी गई थी। क्या हर विधानसभा के 10 युवाओं को भी स्टार्टअप का पैसा मिला? एक को भी नहीं मिला। इसके बाद भी यह कहना कि हमने गारंटी पूरी कर दी, यह तो झूठ की हदें पार करने जैसा है। एक मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की बातें करना और भी शर्मनाक है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इन सब के बाद भी मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने पाँच गारंटियाँ पूरी कर दी। इसका अर्थ यही है कि सरकार अब इन गारंटियों के मामले में कुछ नहीं करने वाली है। जो करना था, वह कर चुकी है। इसलिए प्रदेश के लोग अब सरकार से किसी भी प्रकार की कोई उम्मीद न रखें। सुक्खू सरकार आने वाले समय में सिर्फ और सिर्फ व्यवस्था पतन और प्रदेश के बंटाधार के लिए जानी जाएगी। आज प्रदेश की आर्थिक स्थिति की जिम्मेदारी सुक्खू सरकार पर है, जिसने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गर्त में पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दो साल से कम के कार्यकाल में ही 25 हजार करोड़ का ऋण ही सुक्खू सरकार की अब तक की उपलब्धि है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरह उन्हें भी यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि उनके झूठ की वजह से ही सरकार की किरकिरी हो रही है, इसलिए उन्हें झूठ बोलने से परहेज करना चाहिए।