सर्दी के मौसम में खांसी, जुकाम, बुखार, गले में जलन और बदन दर्द जैसी समस्याएं बहुत आम हो जाती हैं। बदलता मौसम और कमजोर इम्युनिटी इन परेशानियों को बढ़ा देती है। अक्सर लोग जल्दी आराम पाने के लिए दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन लंबे समय तक पेनकिलर या अन्य गोलियों का सेवन शरीर पर बुरा असर डाल सकता है। ऐसे में आयुर्वेद एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प देता है, जिसका नाम है मुलेठी।
मुलेठी अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। इसमें मौजूद एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व सर्दियों में होने वाले संक्रमण से शरीर को बचाने में मदद करते हैं। यह गले की खराश को शांत करती है, खांसी को कम करती है और आवाज की कर्कशता में भी राहत देती है। साथ ही, मुलेठी पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है, कब्ज और गैस की समस्या को कम करती है और पेट से जुड़ी परेशानियों में भी फायदेमंद मानी जाती है।
मुलेठी का सेवन करना बेहद आसान है। आप इसकी छोटी टहनी को धीरे-धीरे चबा सकते हैं या इसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। ठंड के दिनों में नियमित रूप से सीमित मात्रा में मुलेठी लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाव होता है। प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ रहने के लिए मुलेठी को अपनी दिनचर्या में शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी, सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं. न्यूज़फ्लिक्स भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है. कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें.


