कुल्लू दशहरा : 13 अक्तूबर को चार बजे से पहले शुरू होगी भगवान रघुनाथ की रथयात्रा

न्यूज़ फ्लिक्स भारत। कुल्लू का अंतराष्ट्रीय दहशरा 13 से 19 अक्तूबर तक मनाया जाएगा। बता दें कि शुक्रवार शाम तक कुल्लू के ढालपुर में पांच देवता पहुंच भी गए हैं। जबकि आनी, निरमंड, बंजार, सैंज, मनाली, तीर्थन और मणिकर्ण क्षेत्र के 150 के करीब देवी-देवता रास्ते में हैं और शनिवार शाम को अस्थायी शिविरों में पहुंचे जाएंगे। दशहरा उत्सव को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से भी तैयारियां अब पूरी कर ली गई हैं. दशहरा उत्सव में सुरक्षा का जिम्मा 1380 जवानों पर रहेगा.

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में इस बार भगवान रघुनाथ की रथयात्रा 13 अक्तूबर को चार बजे से पहले शुरू होगी। इस पर भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने हामी भरी है। 13 अक्तूबर को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल दशहरा उत्सव का शुभारंभ करेंगे।

रघुनाथजी स्वयं करते हैं निरीक्षण

कुल्लू घाटी में दशहरा एक हफ्ते चलने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। इस त्योहार की शुरुआत भगवान रघुनाथजी और दूसरे देवताओं के जुलूस यात्रा से होती है। भगवान रघुनाथजी एक रथ पर सवार होकर पूरी कुल्लू घाटी का निरीक्षण करते हैं और जनता को दर्शन देते हैं। इस जुलूस में गांव के सभी देवी-देवता भी शामिल होते हैं। इस उत्सव को ढालपुर मैदान में संपन्न किया जाता है, जिसे इस मौके पर दुल्हन की तरह सजाया जाता है।

नहीं होता रावण दहन
यहां दशहरे के दौरान न तो रामलीला होती है और न ही रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाए जाते हैं। इतना ही नहीं, इस मौके पर यहां आतिशबाजी जलाना भी मना है। इस दशहरे की कहानी और हिमाचल की देव परंपराएं इसे सबसे अलग और सबसे खास होती है।