भारतीय संस्कृति और भारत की पौराणिक कथाएं विश्व भर में प्रसिद्ध है. इसलिए हर साल लाखों विदेशी सैलानी भी भारत की आध्यात्मिक कथा से रूबरू होने के लिए पहुंचते हैं. ऐसा ही एक मंदिर धन के देवता कुबेर का है. लोगों का मानना है कि इस मंदिर में दर्शन करने से व्यक्ति की गरीबी दूर होती है. इसके अलावा यहां सिक्का चढ़ाने के साथ और भी परंपराएं है.
धन के देवता कुबेर का यह मंदिर देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है. इस मंदिर को जागेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है. यहां रोजाना बहुत से श्रद्धालु गरीबी से छुटकारा पाने की इच्छा से आते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से व्यक्ति को धन लाभ के साथ तरक्की मिलती है और जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
कुबेर देव के इस मंदिर में लोग दर्शन करने के अलावा सोने या चांदी के सिक्के चढ़ाते हैं और पूजा करने के बाद सिक्के को पीले रंग के कपड़े में बांधकर घर ले जाते हैं. लोगों का मानना है कि यहां दर्शन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. वहीं जब मनोकामनाएं पूरी होती हैं, तब लोग यहां कुबेर देव को खीर का भोग भी लगाते हैं.
उत्तराखंड के इस एकमात्र कुबेर मंदिर का इतिहास काफी दिलचस्प है. इस मंदिर के इतिहास के बारे में बोला जाता है कि प्राचीन काल में जगत का जीर्णोद्धार करने के लिए बनाया गया था. कुछ लोगों का मानना है कि इस कुबेर मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी में किया गया था. वहीं कुछ अन्य लोगों का मानना है कि 7वीं शताब्दी से लेकर 14 वीं शताब्दी के बीच कत्यूरी राजवंश के दौरान इस मंदिर का निर्माण हुआ था.
