सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता कांड पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई का निर्णय किया है। यह मामला कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या से संबंधित है। सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल हैं, मंगलवार, 20 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगी।
यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब 17 अगस्त को राष्ट्रव्यापी आक्रोश और चिकित्सा बिरादरी की हड़ताल के बीच सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई थी। आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, सिकंदराबाद की बीडीएस छात्रा डॉ. मोनिका सिंह की ओर से उनके वकील सत्यम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि 9 अगस्त को कोलकाता में एक पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई सामूहिक बलात्कार और हत्या की इस घृणित घटना का स्वतः संज्ञान लिया जाए।
याचिका में यह भी अनुरोध किया गया था कि 14 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज पर असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए हमले की निष्पक्ष जांच की जाए और मामले के लंबित रहने तक कॉलेज और उसके कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि हमले और अपराध स्थल पर हुई बर्बरता को रोकने में स्थानीय कानून और प्रवर्तन एजेंसियों की विफलता को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती अत्यंत आवश्यक है।