न्यूज़ फ्लिक्स भारत। हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को इस उत्सव को मनाया जाता है. इस साल यह उत्सव 7 सितंबर से 17 सितंबर 2024 तक मनाया जाएगा. इस अवसर पर भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है और 10 दिन बाद इसका विसर्जन किया जाता है.
क्यों मनाया जाता है गणेश चतुर्थी का उत्सव-
पौराणिक कहानी के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्मोत्सव देश भर में गणेश चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है. वहीं, कुछ पौराणिक कहानियों के अनुसार महर्षि वेद व्यास के कहने पर भाद्रपद मास की चतुर्थी को गणेश जी ने महाभारत का लेखन कार्य शुरू किया था. तब महर्षि वेद व्यास ने गणेश जी को महाभारत की कहानी सुनाते रहे और गणेश जी अपनी कलम से महाभारत को लिखते रहे.
माना जाता है कि महाभारत लेखन में 10 दिनों का समय लग गया था. 10 दिनों तक गणेश जी एक ही मुद्रा में बैठे रहे थे, जिससे उनका शरीर जड़वत होने के साथ शरीर पर धूल-मिट्टी की चादर चढ़ गई थी. इस कारण गणेश जी 10 दिनों बाद नदी पर स्नान करने गए थे, उस दिन को अंनत चतुदर्शी नाम से जाना जाता है.
करें ये उपाय-
भगवान गणेश जी को दूर्वा प्रिय है, ऐसे में गणएश चतुर्थी की पूजा की थाली में दूर्वा जरूर शामिल करें. इसको अर्पित करते समय ‘श्री गणेशाय नम: दुर्वांकुरान् समर्पयामि’ मंत्र का जाप करें. मान्यता है कि इस उपाय को करने से भगवान गणेश प्रसन्न होकर पूजा करने वाले व्यक्ति के विघ्न दूर करते हैं.