जानें कौन हैं वो पांच महिलाएं जिन्होंने साल 2024 में राजनीति में बटोरीं सुर्खियां

न्यूज़ फ्लिक्स भारत। देश और विदेश में महिलाओं ने राजनीति के क्षेत्र बड़ा नाम कमाया है. राजनीति में महिलाओं की भागेदारी इस बात का सबूत है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं हैं. वहीं, अगर बात भारत की महिला नेताओं की कि जाए तो  देश की महिलाओं ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से लेकर राज्य की मुख्यमंत्री तक अपनी भागीदारी दर्ज की है. आइए जानते हैं साल 2024 में ऐसी महिला नेताओं के बारे में जो सुर्खियों में रहीं.   

प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी के बारे में पूरा देश जानता है और वे राजनीति में सक्रिय भी है. लेकिन साल 2024 में प्रियंका की चुनावी राजनीति में एंट्री हुई. उन्होंने केर की वायनाड सीट पर लोकसभा का उपचुनाव लड़ा और रिकॉर्ड जीत दर्ज की. देश की संसद में एंट्री लेते ही उन्होंने अपनी सक्रियता दिखाई है,फिर चाहे अडानी मुद्दे पर सरकार को घेरना हो या अंबेडकर मुद्दे पर सरकार पर तीखा हमला करना हो. प्रियंका हर क्षेत्र में अपनी सक्रियता दिखाई है. इस साल अपनी सक्रियता के चलते प्रियंका काफी चर्चा में रहीं.

कंगना रनौत

बॉलीवुड की क्वीन कही जाने वाली कंगना रनौत ने साल 2024 में भारतीय राजनीति में अपना कदम रखा. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते ही बीजेपी की टिकट पर मंडी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और हिमाचल की राजनीति में दिग्गज माने जाने वाले नेता विक्रमादित्य सिंह को हराकर देश की संसद तक पहुंची. हालांकि, राजनीति में उनके आने पर कहा जा रहा था कि उनका बड़बोलापन उन पर भारी पड़ेगा, लेकिन कंगना सांसद बनने के बाद गंभीरता और समझदारी के साथ हर स्थिति को संभाला है. अब वह विवादों से दूर और जनता के करीब रहने की कोशिश कर रही हैं.

महुआ मोइत्रा

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को पिछली संसद से निकाल दिया गया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के लिए किसी से अपना संदन का आईडी और पासवर्ड शेयर किया है. जिस कारण से उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया गया. हालांकि महुआ मोइत्रा 2024 में एक बार फिर जबरदस्त वापसी करते हुए संसद में पहुंची और उन्होंने जोरदार भाषण दिया और कहा कि उन्हें जबरन सदन से बाहर करने वालों के मुंह पर करारा तमाचा लगा है.

आतिशी सिंह

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सिंह भी इस साल लगातार चर्चा में रही हैं। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ऐसा लगा था कि आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली की सरकार चलाना मुश्किल होगा और पार्टी के नेता भी तितर बितर हो सकते हैं. ऐसे में पार्टी टूटने का भी डर था. हालांकि, आतिशी ने केजरीवाल की गैरमौजूदगी में दिल्ली में सरकार भी बखूबी चलाई और पार्टी को भी बचाए रखा. वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी हुई हैं और आगामी चुनाव तक उनके इसी पद पर रहने की उम्मीद है.

वसुंधरा राजे

राजस्थान में भाजपा की जीत के बाद वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनने की आशंकाओं पर उस समय विराम लग गया जब भाजपा ने भजनलाल शर्मा को सीएम बना दिया. उसके बाद से वसुंधरा राजे उप- चुनाव मंच से दूरी बना ली. वसुंधरा राजे के भाषण और टिप्पणियों के कारण वह इस साल काफी चर्चा में रहीं.