कनाडा पुलिस ने खालिस्तानी आतंकी अर्श डाला को हिरासत में लिया है। वह भारत के ‘मोस्ट वांटेड’ गैंगस्टर में शामिल है। कनाडा में 27-28 नवंबर को हुए एक शूटआउट के सिलसिले में उसे गिरफ्तार किया गया, जिसमें वह खुद भी शामिल था। कनाडा की हाल्टन रीजनल पुलिस सर्विस (एचआरपीएस) मिल्टन में हुई गोलीबारी की जांच कर रही है, और इस संदर्भ में डाला से पूछताछ की जा रही है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, अर्श डाला हिंदुस्तान से फरार होकर अपनी पत्नी के साथ कनाडा में रह रहा था। पंजाब पुलिस ने हाल ही में उसके दो शूटरों को फरीदकोट में गिरफ्तार किया है। ये शूटर, अर्श डाला के निर्देश पर मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जसवंत सिंह गिल की हत्या में शामिल थे। दोनों शूटरों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने 7 नवंबर, 2024 को ग्वालियर में गिल की हत्या की थी।
अर्श डाला एक कुख्यात खालिस्तानी आतंकवादी गैंग का सदस्य है और एनआईए, दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस द्वारा ‘मोस्ट वांटेड’ के रूप में तलाश किया जा रहा है। वह 2020 में कनाडा भाग गया था और उसके पास जालंधर में 2017 में जारी किया गया एक वैध भारतीय पासपोर्ट है। वह ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में रह रहा था, जो कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का भी ठिकाना था। निज्जर की हत्या के बाद, भारत और कनाडा के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं, लेकिन हत्या से पहले निज्जर और डाला ने मिलकर भारत में कई आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया था।
अर्श डाला और निज्जर ने मिलकर एक आतंकवादी संगठन स्थापित किया था, जिसमें 700 से अधिक शूटर कार्यरत हैं। यह गैंग पाकिस्तान और भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है, जिसके कारण भारतीय गृह मंत्रालय ने उसे आतंकवादी घोषित कर दिया है। एनआईए ने डाला के खिलाफ 5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया है। डाला के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ से भी गहरे संबंध हैं, और दोनों उसके करीबी दोस्त हैं।