कर्नाटक सरकार ने बेलगावी में चल रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ‘कर्नाटक हेट स्पीच एवं हेट क्राइम (रोकथाम और नियंत्रण) बिल, 2025’ को मंजूरी दे दी है। राज्य में बढ़ती सामाजिक तनातनी और समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाली घटनाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया यह कानून जल्द ही लागू होगा। सरकार का कहना है कि हेट स्पीच और हेट क्राइम समाज की एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं, इसलिए अब ऐसे मामलों में सख्त दंड दिया जाएगा।
नए कानून में हेट क्राइम को विस्तृत रूप से परिभाषित किया गया है। किसी भी व्यक्ति द्वारा धर्म, जाति, भाषा, लिंग, यौन अभिरुचि, समुदाय, जनजाति, विकलांगता या जन्मस्थान के आधार पर नफरत फैलाना, हिंसा भड़काना या किसी समूह के खिलाफ भेदभावपूर्ण टिप्पणी करना अपराध माना जाएगा। यह नियम डिजिटल प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया, वीडियो या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम पर किए गए पोस्ट और संदेशों पर भी लागू होगा।
कानून के तहत दोषियों को तीन साल तक की कैद, 5,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। यह अपराध गैर-जमानती और गैर-संज्ञेय होगा, जिसकी सुनवाई फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट करेंगे। खास बात यह है कि ऑनलाइन नफरत फैलाने वालों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। यह बिल कर्नाटक में सामाजिक सद्भाव और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


