राज्यसभा में आज वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. इसके तुरंत बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. विपक्षी सांसदों ने जोरदार नारेबाजी की, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई. इस रिपोर्ट को बीजेपी सांसद संजय जायसवाल और संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल के द्वारा किया गया.
वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विनियमन से जुड़े मुद्दों का समाधान करना है, जिसके लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन किया जाएगा. विपक्षी सांसदों का आरोप है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश करता है और वक्फ बोर्डों को नुकसान पहुंचाने वाला है.
विपक्षी दलों ने वक्फ विधेयक की विभिन्न धाराओं पर आपत्ति जताई है, खासकर उन प्रावधानों पर जो मुस्लिम धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप की संभावना बढ़ाते हैं. उनका कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही के नाम पर धार्मिक संस्थाओं की स्वतंत्रता को सीमित कर सकता है.
