जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में स्थित हजरतबल दरगाह एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल, हाल ही में हुए नवीनीकरण के बाद दरगाह के फाउंडेशन स्टोन पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ को अंकित किया गया, जिसे लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई. उनका कहना है कि धार्मिक स्थल पर प्रतीक चिन्ह या मूर्तियां इस्लामी मान्यताओं के खिलाफ हैं.
मामला उस समय और गंभीर हो गया जब 5 सितंबर को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के दिन कुछ लोगों ने दरगाह में घुसकर फाउंडेशन स्टोन पर पत्थर मारकर तोड़फोड़ कर दी. घटना के बाद पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और तोड़फोड़ में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. अब तक 10 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी है.
हजरतबल दरगाह इस्लाम धर्म का पवित्र स्थल माना जाता है, जहां पैगंबर मुहम्मद का पवित्र बाल (मोई-ए-मुकद्दस) सुरक्षित रखा गया है. यहां बड़ी संख्या में लोग नमाज और दुआ के लिए आते हैं. इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फाउंडेशन स्टोन पर राष्ट्रीय प्रतीक को अनुचित बताया और वक्फ बोर्ड से माफी की मांग की. वहीं, बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने उमर अब्दुल्ला पर राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान करने का आरोप लगाया और तोड़फोड़ की निंदा न करने पर सवाल उठाया.


